Saturday, February 20, 2010

आज सचिन का ग्रुप मेल पर व्यंग पढ़ा मज़ा आ गया जिस भाव से लिखा गया है वो काबिले तारीफ है. रिसर्च के साथ उन्होंने पूरी तरह से इन्साफ किया है.अच्हा कहा है क जब आपका कोई मित्र फ़ैल हो जाये तो बोहोत दुःख होता है पर जब कोई दोस्त टॉप कर जाये तो उससे ज्यादा दुःख होता है.खैर जो भी हो माहोल यही था .कैम्पस में सिर्फ यही सुन्ने को मिल रहा था की पीटीआई में ४ का हो गया. जैसे मीडिया मे ४ सी है वैसे ही हमारे क्लास में ४ पी है .जो भी हुआ अच्हा हुआ.होना भी येही चाहए था .कम से कम प्लेसमेंट की रेस में ४ दावेदार तो कम हुए.हमारे सर कहते है हमेशा सकारात्मक सोचो मै वही कर रही हू.मै दिल से उन ४ लोगो को शुभकामनाये देते हूँ .

No comments:

Post a Comment