थक गया भविष्य
यह कहा गया की युवा देश को बेहतर चला सकता है
लेकिन शशि थरूर जी तो इन सब बातो पर पानी फेर दिया
वे केटल क्लास की बात बिना हिचक कह सकते है
और अब अपने काम को लेकर रो रहे है वे जब अपने काम
को देश की सेवा नही समाज सकते तब उनसे क्या उम्मीद की जाए
Tuesday, September 29, 2009
Tuesday, September 1, 2009
कब्र के आगोश में जब थक क्र सो जाते है माँ
तब कही जाकर थोड़ा सुकून पतिहै माँ
फ़िक्र में बच्चो के इस तरह घुल जाती है माँ
नौजवान होते हुए भी बुद्धि नजर आती है माँ
खुशियों में इन्कोह्म लाख भूल जाए ऐ दोस्त
मुसीबत जब सर पे आतइ है तोयाद आती है माँ
रूह के रिश्तो की गहराई तो देखो
चोट लगती है हमें और दूर कही गहब्रती है माँ
तब कही जाकर थोड़ा सुकून पतिहै माँ
फ़िक्र में बच्चो के इस तरह घुल जाती है माँ
नौजवान होते हुए भी बुद्धि नजर आती है माँ
खुशियों में इन्कोह्म लाख भूल जाए ऐ दोस्त
मुसीबत जब सर पे आतइ है तोयाद आती है माँ
रूह के रिश्तो की गहराई तो देखो
चोट लगती है हमें और दूर कही गहब्रती है माँ
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