Tuesday, November 10, 2009

यह रिश्ता क्या कहलाता है
यह रिश्ता कया कहलाता है,
कहीं इतना प्यार ,
तो कही इतनी इज्जत,
आखों में है टकरार ,
दिलों में है जज्बात है।

बिना कहे समझ में आना
जाते जाते पलट जाना,
आखों में नमीं है मेरे
मोती बन कर तेरे आखों से गिर जाना ।

कुछ तुम कहो कुछ मै कहू
दिन का ढल जाना।
बातों ही बातों में
कहीं तुम मेरे न हो जाना

बात करती हूँ तुमसे मगर
दिल थोड़ा झिझकता है,
कितनी ही बात करती हूँ तुमसे
कोई निश्कर्ष नहीं निकलता है।

कैसी उलझन है मेरी
,क्या कहूँ में तुमसे,
पर सुनों बता ही दो
यह रिश्ता क्या कहलाता है।

1 comment:

  1. Dil k jajbat ankho se dekhe jate hai ..
    kagaj pe na kah k sanso pe likhe jate hai..
    riste hai Dil k jo kbhi kahe nahi jate ..
    mohabbat ki dasta kabhi hontho se baya nahi kiye jate...

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