तनाव भरा माहोल ,आखो में आस ,चेहरे पर उदासी,यही नजारा है आई आई एम सी के हिंदी पत्रकारिता के स्टुडेंट्स का .आठ महीने के बाद अब वो समय आ गया है जब सबको अपने करियर की टेंशन हो रही ही .कैम्पस की बात करे तो नजारा कुछ और ही है.कभी सब अपने से लगते थे अब सब बेगाने से लगते है.हमारी मस्ती हमारा फन न जाने कहा खो गया है .नौकरी किसी को इतना बदल दे सुना था यहाँ देख भी लिया .रुखी रुखी सी हवाए ,पतझर का मोसम न जाने क्यूँ अब यहाँ उलझन सी हो रही है,जब मैंने हिंदुस्तान का प्लेसमेंट टेस्ट दिया था तब यकीन नहीं था मेरा हो जायेगा ,मेरे लिए ये एक सुखद एहसास था ,मै बहुत खुश हूजिंदगी का पहला प्लेसमेंट टेस्ट में असफल रही लेकिन दूसरा मेरे नसीब में था .मेरा हिंदुस्तान में हो गया मेरे लिए यही सही था तो अब समय है खुद को प्रूफ करने का ,मै तैयार हू .
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Welcome, Jo kahna hai vo bedhadak kahen par itna dhyan rakhe ki kalam talwar se jyada gahra ghav karti hai.
ReplyDeleteहिन्दी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है
ReplyDeleteअच्छा लिखें, अच्छा पढ़ें
बी एस पाबला
Aapke bhavi jeevan ke liye anek shubhkamnayen!
ReplyDeleteAnek shubhkamnaye. Sentence ki purnata ka dhyan rake.
ReplyDeleteswagat hai. na keval blog ki duniya me, balki khabaro ki duniya me bhi, as aapka selection ho gaya hai hindustan me.
ReplyDeleteshubhkamnayein, blog ke liye bhi aur proffesional life ke liye bhi.....
ब्लोगिंग की दुनिया में भरापूरा स्वागत करते हैं..अच्छा लिखें, अच्छा पढ़ें.
ReplyDeleteहिंदी ब्लाग लेखन के लिए स्वागत और बधाई
ReplyDeleteकृपया अन्य ब्लॉगों को भी पढें और अपनी बहुमूल्य टिप्पणियां देनें का कष्ट करें
हिन्दी ब्लॉग जगत में आपका स्वागत है
ReplyDeleteye hue na baat .....best of luck Journalist!
ReplyDeleteJai HO Manglamy HO
स्वागत है आपका । शुभकामनाये
ReplyDeleteगुलमोहर का फूल
congrats for placements
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